यह लेख भरतपुर की प्रसिद्ध मिठाई देशी कलाकंद के बारे में है। इस लेख में कलाकंद के पारंपरिक बनाने की विधि, इसकी खासियत, स्वाद और लोकप्रियता के बारे में विस्तार से बताया गया है।
भरतपुर अपनी ऐतिहासिक धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। लेकिन यहां की मिठाइयां भी अपनी खास पहचान रखती हैं। इनमें से एक विशेष मिठाई है भरतपुर का देशी कलाकंद जो अपनी शुद्धता, ताजगी और पारंपरिक स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। स्थानीय लोग और यहां आने वाले पर्यटक इस कलाकंद को बड़े चाव से खरीदते और खाते हैं। इस कलाकंद की सबसे खास बात यह है कि इसे पारंपरिक तरीके से भट्टी पर धीमी आंच में तैयार किया जाता है। देसी दूध और शुद्ध सामग्री से बनने वाली यह मिठाई न केवल स्वाद िष्ट होती है बल्कि सेहत के
लिए भी फायदेमंद मानी जाती है। भट्टी पर पकाने की प्रक्रिया में दूध को धीरे-धीरे गाढ़ा किया जाता है जिससे इसका स्वाद और सुगंध दोनों ही बढ़ जाते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान जो मेहनत और धैर्य लगता है वह इस मिठाई को और भी खास बनाता है। भरतपुर के इस कलाकंद की लोकप्रियता सिर्फ स्थानीय लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे खरीदने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। त्योहारों, शादी-ब्याह और अन्य खास मौकों पर इस मिठाई की मांग कई गुना बढ़ जाती है। इसकी खासियत इसका ताजा और शुद्ध स्वाद है जो हर उम्र के लोगों को लुभाता है। बच्चे, बुजुर्ग, युवा सभी इसे बड़े चाव से खाते हैं। भरतपुर के इस कलाकंद की मिठास त्योहारों की खुशी को दोगुना कर देती है। स्थानीय बाजारों में इसकी खुशबू से ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। यह न केवल मिठाई है बल्कि भरतपुर की परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा भी है। आज के दौर में जहां मिलावटी मिठाइयों का खतरा बढ़ गया है, वहीं भरतपुर का यह कलाकंद अपनी शुद्धता के लिए जाना जाता है। यह सिर्फ मिठाई नहीं बल्कि एक ऐसा अनुभव है जो यहां आने वाले हर व्यक्ति की यादों में बस जाता है
कलाकंद भरतपुर मिठाई पारंपरिक स्वाद दूध भट्टी
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
हिमाचल का पारंपरिक धाम: स्वाद का जादूहिमाचल प्रदेश का पारंपरिक धाम देश भर में अपनी स्वादिष्टता के लिए प्रसिद्ध है। इस लेख में, हम इस खास धाम के बारे में विस्तार से जानेंगे, इसके इतिहास, पकाने की विधि और इसके महत्व को समझेंगे।
और पढो »
मऊ में चाउमीन पनीर समोसे का अनोखा स्वादउत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में समोसा खाने का बहुत शौक है, और मिथिलेश यादव के यहां चाउमीन पनीर समोसा का स्वाद एक अनोखा अनुभव है।
और पढो »
रामपुर की कुल्हड़ वाली दही फुल्की: 70 साल पुराने स्वाद का जादूरामपुर की दही फुल्की अपनी कुल्हड़ में परोसी जाने वाली खास किस्म और पारंपरिक स्वाद के लिए प्रसिद्ध है. 70 साल से जुड़ी है यह पारंपरिक दुकान, जो तीन घंटों में खत्म हो जाती है. दही फुल्की की कीमत भी 10 और 20 रुपये में है जो इसे हर किसी की पहुंच में रखती है.
और पढो »
बलिया के तिलकुट का है देशभर में मजाबलिया के एक दुकानदार संजय कुमार गुप्ता द्वारा 30 सालों से बनाए जा रहे तिलकुट का स्वाद देशभर में पसंद किया जा रहा है।
और पढो »
हरियाणा की पारंपरिक पोशाक और आभूषणयह लेख हरियाणा की पुरुषों और महिलाओं की पारंपरिक पोशाकों और आभूषणों का वर्णन करता है।
और पढो »
रामपुर की दही फुल्की: एक 70 साल पुरानी रेसिपी का जादूरामपुर की खानपान संस्कृति में दही फुल्की एक खास जगह रखती है. 70 साल पुरानी एक दुकान अपनी पारंपरिक रेसिपी और कुल्हड़ में परोसने के तरीके से लोगों को खास लुभाती है. इस दही फुल्की का जायका इतना बेहतरीन है कि लोगों को बार-बार खाना पसंद आता है.
और पढो »