संपादकीय: यूक्रेन शांति सम्मेलन में भारत की स्वतंत्र नीति के क्या हैं मायने?

Russia Ukraine समाचार

संपादकीय: यूक्रेन शांति सम्मेलन में भारत की स्वतंत्र नीति के क्या हैं मायने?
Ukraine CrisisRussia Ukraine NewsUkraine Russia Conflict
  • 📰 NBT Hindi News
  • ⏱ Reading Time:
  • 26 sec. here
  • 10 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 42%
  • Publisher: 51%

ध्यान रहे यूक्रेन की पहल पर आयोजित इस शांति सम्मेलन में रूस को आमंत्रित नहीं किया गया था। रूस इसे व्यर्थ की कवायद करार भी दे चुका है। ऐसे में सम्मेलन के साझा बयान में कही गई बातें सांकेतिक महत्व की ही मानी जाएंगी। व्यवहार में इनका कोई मतलब तभी हो सकता है जब युद्ध में शामिल दोनों देश इसे स्वीकार करने पर सहमत...

स्विट्जरलैंड में हुआ अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलन रूस-यूक्रेन युद्ध जल्द से जल्द समाप्त करने की इच्छा और जरूरत को रेखांकित करते हुए संपन्न हुआ। हालांकि सम्मेलन में शामिल भारत जैसे कई देशों के साझा बयान पर हस्ताक्षर न करने से यह स्पष्ट हो गया कि सम्मेलन की भावना चाहे जितनी भी नेक रही हो, शांति का लक्ष्य हासिल करने में अभी ढेरों व्यावहारिक दिक्कतें हैं।पॉजिटिव संकेतइस सम्मेलन में 90 से ज्यादा देशों का शामिल होना एक पॉजिटिव संकेत कहा जाएगा। इससे यह साफ होता है कि दुनिया का कितना बड़ा हिस्सा यूक्रेन...

संकेत किया है। यह सम्मेलन हो या शांति की दिशा में किया गया इस तरह का कोई भी दूसरा प्रयास, उसकी अहमियत से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे तमाम प्रयासों के पीछे काम कर रहे अलग-अलग विचारों, मतों और दृष्टिकोणों को समझने की कोशिश भी निरंतर जारी रहनी चाहिए। किसी तरह का हल या शांति का कोई फॉर्म्युला इसी प्रक्रिया से निकलेगा। भारत ने स्पष्ट किया कि सम्मेलन में शामिल होने के पीछे उसकी यही सोच थी।संतुलित नजरियासम्मेलन में अपने रुख से भारत ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि वह अपने राष्ट्रीय हितों पर आधारित...

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

NBT Hindi News /  🏆 20. in İN

Ukraine Crisis Russia Ukraine News Ukraine Russia Conflict Ukrain Peace Summit India On Ukrain Peace Summit Conference रूस यूक्रेन शांति समझौता रूस यूक्रेन विवाद रूस शांति समझौता

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच स्विट्जरलैंड की शांति की कोशिश के क्या हैं मायने?रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच स्विट्जरलैंड की शांति की कोशिश के क्या हैं मायने?यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के दो साल बाद स्विटजरलैंड ने शांति सम्मेलन आयोजित करने के लिए कदम बढ़ाया है। युद्ध पर वैश्विक सहमति को व्यापक बनाने के लिए विशेष प्रयास करते हुए 150 से ज्यादा देशों को इसमें हिस्सा लेने के लिए न्योता दिया गया है, जिनमें से 50 ने अपनी मौजूदगी को लेकर हां भर दी...
और पढो »

यूक्रेन के लिए शांति सम्मेलन में भारत शामिल, कहां अटकी बात?यूक्रेन के लिए शांति सम्मेलन में भारत शामिल, कहां अटकी बात?यूक्रेन में शांति के लिए 90 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि स्विट्जरलैंड पहुंचे. यह कोशिश कितनी कामयाब हो सकती है, इस पर अलग-अलग राय है. बैठक में भारत शामिल तो हुआ, लेकिन स्विट्जरलैंड और यूक्रेन की कोशिशों के मुताबिक नहीं.
और पढो »

यूक्रेन शांति सम्मेलन: यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता पर 90 देश एकमत, भारत ने नहीं किए हस्ताक्षरयूक्रेन शांति सम्मेलन: यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता पर 90 देश एकमत, भारत ने नहीं किए हस्ताक्षरयूक्रेन में शांति लाने के लिए स्विटजरलैंड में हुए स्विस सम्मेलन में 80 देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता ही किसी भी शांति समझौते का आधार होनी चाहिए।
और पढो »

भारत: जेल में बंद अमृतपाल की जीत के क्या हैं मायनेभारत: जेल में बंद अमृतपाल की जीत के क्या हैं मायनेभारतीय जेल में बंद खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह ने पंजाब की खडूर साहिब सीट से लोकसभा चुनाव जीता है. उनके गांव में जश्न का माहौल है.
और पढो »

Arunachal Pradesh Assembly Election Results 2024: अरुणाचल प्रदेश में कैसे मिली BJP को बंपर जीत? समझिए किन फैक्टर्स का मिला फायदाArunachal Pradesh Assembly Elections 2024: अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी की जीत के क्या मायने हैं। पढ़ें आदित्य तिवारी की रिपोर्ट
और पढो »

बुलेट ट्रेन, एशिया-यूरोप कोरिडोर और मेलोनी से क्या डील? जानें इटली से क्या-क्या लेकर लौटे मोदीबुलेट ट्रेन, एशिया-यूरोप कोरिडोर और मेलोनी से क्या डील? जानें इटली से क्या-क्या लेकर लौटे मोदीजी-7 शिखर सम्मेलन ने पीएम मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही ग्लोबल साउथ के नेता के रूप में भारत की छवि को और मजबूत कर दिया है.
और पढो »



Render Time: 2025-02-19 21:56:19